विद्यालय का महत्व
05 Sep 2025
विद्या और संस्कार जहां की देन हैं,
वहां मात्र छात्र बनकर रहना सही है?
ये ईमारत आम नहीं, ये मंदिर है,
इसे सिर्फ विद्यालय कहना सही है?
हम भक्त हैं इस मंदिर के,
इसके उपकार हम पर भारी हैं।
जिस दिन ये मंदिर स्थापित हुआ,
उस दिन के हम सब आभारी हैं।
ऊंच नीच का भेद मिटाकर,
जिस आंगन में हम पढ़ते हैं।
उसकी एक एक ईंट की पूजा,
हम रत्न बनकर करते हैं।
हम अब भी सीख रहे हैं यहां,
हम खुद पर अभिमान क्या करे?
विद्यालय ये खुद ही एक मिसाल है,
हम खुद इसका बखान क्या करें??
प्रेम, विद्या, उपकार और मित्रता,
इस विद्यालय के उपकार हैं।
हम नाम बढ़ाएं इस संस्था का,
यही हमारे संस्कार हैं।
अपने फ़र्ज़ सदा निभाएंगे,
आज ये हम ऐलान करते हैं।
जब स्थापित हुआ ये विद्यालय,
उस दिन को हूं प्रणाम करते हैं।
Ms.Deepmala Dhumal
Exam Coordinator, SVIES
Experience: 17 years
Qualification:-M.A Med.
Subject:- Hindi
